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अनुक्रमणिका

  संपादकीय 
अफ़साना ऑफ़ हलवा-ए-लोकतंत्र  डॉ. महेश सिंह/1  
आलेख/शोध-आलेख 
संवेदनात्मक संक्रमण का उपन्यास-‘निरुपमा’अंगद तिवारी/3
कुंठा, अवसाद और मोहभंग का क्रमिक दस्तावेज़ : आधा गाँवगौरव कुमार/11
कामकाजी महिला का जीवन और शाल्मली उपन्यासस्मिता साह/19
‘ठकुरी बाबा’ :  मानवीय सहानुभूति और सामाजिक संवेदनशीलताडॉ. नवाब सिंह/25
अनुभव से उत्पन्न पीड़ा हैं सआदत हसन मंटो की कहानियाँडॉ. कुमारी उर्वशी/36
रघुवीर सहाय की कहानियाँडॉ. अजय कुमार चौधरी/46
संत रैदास की सामाजिक चेतनाप्रियंका/50
संत रैदास और उनके काव्य की प्रासंगिकताकु. सुषमा/56
मीरा के काव्य का पुनरावलोकनसचिन कुमार मीणा/60
स्वाधीनता संग्राम में सुभद्रा कुमारी चौहान  का साहित्यिक योगदानसोनिया/65
छायावादी काव्य में राष्ट्रीय जागरणशोभित द्विवेदी/69
आदिवासी हिंदी लेखिका एलिस एक्कानेहा यादव/75
‘क्या तुम जानते हो’ कविता की प्रासंगिकताडॉ. शिराजोदीन/79
हिंदी गजलों में अंग्रेजी के तत्वडॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री/83
समकालीन साहित्य में अभिव्यक्त पर्यावरणीय समस्याएँधन राज/88
पुरातत्व का रोमांस : प्राचीन सभ्यताओं की रोमांचक कहानियाँअजय चन्द्रवंशी/95
हमें बहुत कुछ सीखना है (भारत की एकांतिक खोज: पॉल बर्टन)अजीत आर्या/103
शब्दशक्ति : स्वरूप विश्लेषणडॉ. बसुन्धरा उपाध्याय/113
रेखा चित्रसुनीता मिश्रा/118
भारतीय उच्च शिक्षा का भविष्यडॉ. सुमन शर्मा/121
मीडिया और सिनेमा 
पत्रकारिता के विवेक-निर्माण का युग और ‘सरस्वती’ अमित कुमार सिंह/124
हिंदी सिनेमा और वेश्यावृति : विशेष संदर्भ हीरामंडी : द डायमंड बाजारअखिलेश कुमार मौर्य/127
व्यंग्य 
निन्यानवें का फेरडॉ. दलजीत कौर/130
कहानियाँ 
प्रेम का एक सूत्रअमित कुमार चौबे/132
अग्निमुखाश्रीमती रजनी बस्तरिया/139
दांव पर जिन्दगीश्यामल बिहारी महतो/148
बदले हुए समीकरणविनीता शुक्ला/155
लघु-कथा 
भूखडॉ. शबनम आलम/158
कविताएँ 
केशव तिवारी की कविताएँ/159  
अचल पुलस्तेय की कविताएँ/161 
रमेश कुमार सोनी की कविताएँ/163 
मनोज कुमार शर्मा ‘अवशेष’ की कविताएँ/165  
डॉ. सुनील कुमार शर्मा की कविताएँ/167 
डॉ. प्रिया.ए की कविताएँ/169 
पुस्तक समीक्षा 
सर्वहारा जीवन और अपने हिस्से का आकाश तलाशते लोगरमेश शर्मा/170
कर्म भूमि का सृजन लोक- टूटी पेंसिलडॉ. मधु संधु/175
गतिविधियाँ 
‘मीणी भाषा और साहित्य’ पुस्तक का लोकार्पण,प्रेमचंद जयंती पर एकदिवसीय सेमिनार